नासिर काज़मी शायरी | Nasir Kazmi Poetry In Hindi | Nasir Kazmi Collection |

नासिर काज़मी उर्दू के एक मशहूर शायर हैं इनका जन्म 8 दिसंबर 1925 को पंजाब में हुआ। बाद में यह पाकिस्तान जाकर बस गए। बंग-ए-नौ, पहली बारिश आदि इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 2 मार्च 1972 को हुई।

जुदाईयो के ज़ख्म
दर्द ऐ ज़िन्दगी ने भर दिए,
तुझे भी नींद आ गई
मुझे भी सब्र आ गया |

नासिर काज़मी

वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए
वो कश्तियाँ चलाने वाले क्या हुए
वो सुबह आते आते रह गई कहाँ
जो काफिले थे आने वाले क्या हुए |

नासिर काज़मी

नई दुनिया के हंगामों में ‘नासिर

दबी जाती हैं आवाजें पुरानी

नासिर काज़मी

नासिर काज़मी शायरी | Nasir Kazmi Poetry In Hindi |

. वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए

वो कश्तियाँ जलाने वाले क्या हुए

वो सुबह आते-आते रह गई कहाँ

जो क़ाफ़िले थे आने वाले क्या हुए

मैं जिन की राह देखता हूँ रात भर

वो रौशनी दिखाने वाले क्या हुए

नासिर काज़मी
nasir kazmi shayari

2. तिरे आने का धोका सा रहा है

दिया सा रात भर जलता रहा है

वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का

जो पिछली रात से याद आ रहा है

नीयत-ए-शौक़ भर न जाये कहीं

तू भी दिल से उतर न जाये कहीं

न मिला कर उदास लोगों से 

हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं 

आओ कुछ देर रो ही लें ‘नासिर’ 

फिर ये दरिया उतर न जाए कहीं 

नासिर काज़मी

निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं

तू भी दिल से उतर न जाए कहीं

आज देखा है तुझ को देर के बाद

आज का दिन गुजर न जाए कहीं

नासिर काज़मी

कौन अच्छा है इस ज़माने में !

क्यूँ किसी को बुरा कहे कोई !!

जुदा हुए हैं बहुत लोग एक तू भी सही

अब इतनी बात पे क्या ज़िन्दगी हराम करें

नासिर काज़मी

Parizaad Poetry | Parizaad Pakistani Drama Poetry Collection

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