तहज़ीब हाफी के मशहूर शेर - instagram viral shayari of Tehzib Hafi

मैंने जो कुछ भी सोचा हुआ है, मैं वो वक़्त आने पे कर जाऊँगा तुम मुझे ज़हर लगते हो और मैं किसी दिन तुम्हें पी के मर जाऊँगा

तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो?

मेरे आँसू नही थम रहे कि वो मुझसे जुदा हो गया और तुम कह रहे हो कि छोड़ो अब ऐसा भी क्या हो गया |

ये दुक्ख अलग है कि उससे मैं दूर हो रहा हूँ ये ग़म जुदा है वो ख़ुद मुझे दूर कर रहा है

तपते सहराओं में सब के सर पे आँचल हो गया उसने ज़ुल्फ़ें खोल दीं और मसअला हल हो गया |

मैं उस से ये तो नहीं कह रहा जुदा न करे मगर वो कर नहीं सकता तो फिर कहा न करे

कौन तुम्हारे पास से उठ कर घर जाता है तुम जिसको छू लेती हो वो मर जाता है |

अब मज़ीद उससे ये रिश्ता नहीं रक्खा जाता जिससे इक शख़्स का पर्दा नहीं रक्खा जाता |

क्या ख़बर कौन था वो, और मेरा क्या लगता था जिससे मिलकर मुझे, हर शख़्स बुरा लगता था

पहले उसकी खुशबू मैंने खुद पर तारी की फिर मैंने उस फूल से मिलने की तैयारी की |

कोई समुन्दर, कोई नदी होती, कोई दरिया होता हम जितने प्यासे थे हमारा एक गिलास से क्या होता?

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